खड़े हो जाओ यारों फिर से आज़ाद फोज बनानी है
जैसे कौरवो को डरा धमका कर यदुनन्दन आए थे।
जिस तरह छत्रपति ने मुग़लों के,पहरेदार बहकाए थे ।।
अब वैसे ही यह तोड़ के पींजरा , तोते-सा बेदाग़ गया।
वे कहाँ गए, वे कहाँ रहे,ये धूमिल अभी कहानी है।
खड़े हो जावो जवानों अब नयी आज़ाद फोज बनानी है
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